दुर्ग

पटाखा दुकानों के लिए एडवाइजरी जारीनियमों का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ होगी कार्यवाही

दुर्ग | जिले में संचालित समस्त स्थायी/अस्थायी पटाखा दुकानों में आग लगने से बचाव हेतु नगर सेना, अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवाएं तथा एसडीएआरएफ, मुख्यालय छत्तीसगढ़ सेेक्टर 19 अटल नगर नवा रायपुर से एडवाइजरी जारी किया गया है। जांच के दौरान उक्त नियमों का पालन नहीं करने पर छत्तीसगढ़ अग्निशमन एवं आपातकालीन नियमावली 2021 के तहत कार्यवाही की जाएगी।

जिला सेनानी एवं जिला अग्निशमन अधिकारी  नागेन्द्र कुमार सिंह से प्राप्त जानकारी अनुसार पटाखा दुकान किसी भी ज्वलनशील पदार्थ जैसे कपड़ा, बांस रस्सी, टेंट इत्यादि का न होकर, अज्वलनशील सामग्री से बने टिन शेड द्वारा निर्मित होना चाहिए। पटाखा दुकान एक दूसरे से कम से कम तीन मीटर की दूरी (साइड) पर एवं एक दूसरे के सामने न बनायी जाए। पटाखा दुकानों में प्रकाश व्यवस्था हेतु किसी भी प्रकार के तेल का लैंप, गैस लैम्प एवं खुली बिजली बत्ती का प्रयोग प्रतिबंधित होना चाहिए।

किसी भी पटाखा दुकान से 50 मीटर के अंदर आतिशबाजी प्रदर्शन प्रतिबंधित होनी चाहिए। विद्युत तारों में ज्वाइंट खुला नहीं होना चाहिए एवं प्रत्येक मास्टर स्विच में फ्युज या सर्किट ब्रेकर लगा होना चाहिए, जिससे शार्ट सर्किट की स्थिति में विद्युत प्रवाह स्वतः बंद हो जाए। दुकाने ट्रांसफार्मर के पास न हो और उनके ऊपर से हाई टेंशन पावर लाइन न  गुजरती हो।

प्रत्येक पटाखा दुकान में 5 कि.ग्रा. क्षमता का डीसीपी अग्नि नामक यंत्र होना चाहिए (इसकी मारक क्षमता 6 फीट की होती है)। दुकानों के सामने कुछ अंतराल में 200 लीटर क्षमता के ड्रम की व्यवस्था बाल्टियों के साथ होनी चाहिए। पटाखा दुकानों के सामने बाइक/कार की पार्किंग प्रतिबंधित होना चाहिए। अग्निशमन विभाग एवं एम्बुलेंस का फोन नंबर, दुकान परिसर के कुछ स्थानों में लगाया जाए। अग्निशमन वाहन के मूवमेंट के लिए पर्याप्त होना चाहिए।

सावधानियां-
क्या करें- लायसेंस प्राप्त विक्रेताओं से ही पटाखे खरीदें, यह सुनिश्चित करें कि गुणवत्ता वाले पटाखे खरीदे, जो दुर्घटनाओं के जोखिम को कम करने के लिए अनुमोदित हो। इमारतों, वाहनों और ज्वलनशील पदार्थों से दूर पार्क, बड़े मैदान जैसे खुले स्थानों में पटाखे जलाए। पटाखे जलाते समय संभावित आपातकालीन स्थिति के लिए पानी की बाल्टी निकट रखें। आग से संबंधित चोटों के जोखिम को कम करने के लिए सूती वस्त्र पहनने को प्राथमिकता दें, क्योंकि सिंथेटिक कपड़े आसानी से आग पकड़ सकते हैं। पटाखे जलाते समय बच्चों की निगरानी के लिए हमेशा एक व्यस्क को साथ रखें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे सुरक्षा उपायों का पालन कर रहे हैं।

 पटाखे पकड़ने के बाद इस्तेमाल किए गए पटाखों का पानी की बाल्टी में सुरक्षित तरीके से निपटान करें, ताकि किसी बची हुई चिंगारी से अग्नि दुर्घटना ना हो। एक बार में एक ही पटाखा जलाएं, आग लगने की आशंका को देखते हुए एक साथ कई पटाखे लगाने से बचें। पटाखे में आग लगने के बाद उससे सुरक्षित दूरी रखें। पटाखे जलाते समय हमेशा हवा की दिशा को ध्यान में रखें, जिससे कि उसकी चिंगारी घरों या व्यक्तियों की ओर न उड़े।

क्या न करें –
घर के अंदर खिड़कियों के पास या अन्य बंद स्थानों पर कभी पटाखे ना जलाएं। पटाखे जलाते समय ढीले या लटकने वाले वस्त्र पहनने से बचें क्योंकि वे आसानी से आग पकड़ सकते है। ज्वलनशील पदार्थों के पास पटाखों का उपयोग न करें, पटाखों को सूखी पत्तियों, गैस सिलेण्डर या वाहनों जैसी वस्तुओं से दूर रखें। यदि कोई पटाखा जलने में विफल रहता है तो उसे पुनः जलाने का प्रयास ना करें, अपितु कुछ देर प्रतीक्षा करने के उपरांत उसका सुरक्षित रूप से निपटान करें।

 यह सुनिश्चित करें कि पटाखे ऐसे स्थानों में न जलाए जाएं जो आग लगने की स्थिति में आपातकालीन निकास मार्ग को अवरूद्ध कर सकते हैं। तेल के दियों या मोमबत्तियांे को जलते हुए उपेक्षित न छोड़े, विशेष रूप से पर्दों या ज्वलनशील पदार्थों के पास। किसी भी तरह की चोट लगने या जलने पर तुरन्त चिकित्सक की सलाह लें तथा उचित मार्गदर्शन के बिना घरेलू उपचार न करें।

Bhupendra Kumar Gabel

श्री भूपेंद्र कुमार गबेल, भास्कर टाइम्स इंडिया (bhaskartimesindia.in) के संपादक हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका उल्लेखनीय अनुभव और गहन समझ उन्हें एक कुशल संपादक के रूप में पहचान दिलाती है। श्री गबेल निष्पक्ष, सटीक और व्यापक समाचार प्रस्तुत करने के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। उनके नेतृत्व और संपादकीय दृष्टिकोण ने भास्कर टाइम्स इंडिया को एक विश्वसनीय और प्रभावशाली समाचार पोर्टल के रूप में स्थापित किया है।

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